प्रिय कोमल जी,यथायोग्य अभिवादन् ।बहुत खूब .... मेरा-तुम्हारा, हम सबका ईश्वर है इसमें ....। तभी तो किसी ने कहा है कि :- क्यूं मंदिर जाया जाये, क्यूं मस्जिद जाया जाये, आज किसी रोते हुये बच्चे को हंसाया जाये।तुम्हारे मन की और मेरे समर्पण की साक्षी यह तस्वीर......।-रवि
dhanyavad guru g
acha likhti ho
aap ke vichar jan kr achcha lga...
nice summed up, continue...
प्रिय कोमल जी,
जवाब देंहटाएंयथायोग्य अभिवादन् ।
बहुत खूब .... मेरा-तुम्हारा, हम सबका ईश्वर है इसमें ....। तभी तो किसी ने कहा है कि :-
क्यूं मंदिर जाया जाये, क्यूं मस्जिद जाया जाये,
आज किसी रोते हुये बच्चे को हंसाया जाये।
तुम्हारे मन की और मेरे समर्पण की साक्षी यह तस्वीर......।
-रवि
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